We will have a new world order!
It has almost been a month of lockdown world over for varying periods and the Corona Pandemic is yet to
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The happiness in Life … Are you happy with your life ? No ! Did you ever try to find
‘Digitalization’ – an imperative for the new age India Prof (Dr) Sanjay M Johri Jul 11, 2022 In today’s world,
Dr Sanjay M Johri May 16, 2021 India’s battle with the second Covid wave, which has resulted in one of
With Love, Sir is a book written by Prof (Dr) Sanjay Mohan Johri on mentoring based on his long experience where he has tried to observe and help his students, many of them being his ‘mentees’ and today occupying the top positions in the industry
प्रोफेसर (डॉ) संजय मोहन जौहरी चार दशक से अधिक मीडिया रिपोर्टिंग – न्यूज़ एजेंसी पी टी आई में वरिष्ठ पत्रकार के रूप में और वर्तमान में एमिटी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में निदेशक के रूप में मीडिया प्रशिक्षण से जुड़े हुए हैं। मूलरूप से अंग्रेजी में पत्रकारिता करने वाले डॉ जौहरी की “कोरोना भैया मेरे सपने में” व्यंग्य के रूप में पहली किताब है ।
प्रोफेसर (डॉ) संजय मोहन जौहरी 20 वर्ष से अधिक न्यूज़ एजेंसी पी टी आई में वरिष्ठ पत्रकार रहे और फिर लगभग इतने ही वर्षों से पत्रकारिता के प्रशिक्षण से जुड़े रहकर वर्तमान में एमिटी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। मूलरूप से अंग्रेजी में पत्रकारिता करने वाले डॉ जौहरी हमेशा से अपने इर्द गिर्द हो रही घटनाओं पर गहन नज़र रखते थे।
प्रोफेसर (डॉ) संजय मोहन जौहरी 20 वर्ष से अधिक न्यूज़ एजेंसी पी टी आई में वरिष्ठ पत्रकार रहे और फिर लगभग इतने ही वर्षों से पत्रकारिता के प्रशिक्षण से जुड़े रहकर वर्तमान में एमिटी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। मूलरूप से अंग्रेजी में पत्रकारिता करने वाले डॉ जौहरी हमेशा से अपने इर्द गिर्द हो रही घटनाओं पर गहन नज़र रखते थे।
बचपन से हम जनरल नॉलेज की किताबों में यही पढ़ते आए हैं कि भारत के उत्तर पूर्व में स्थित मेघालय राज्य के चेरापूंजी देश का ही नहीं पूरी दुनिया का सबसे अधिक बारिश वाला शहर है ! अगर आप चेरापूंजी गए होंगे तो आपने देखा होगा हमेशा पानी बरसने से यहाँ मौसम नमी से भरा रहता है ! लोगों का पहनावा, खान-पान और काम-काज सब कुछ मैदानी इलाको में रहने वाले लोगों से बिलकुल अलग होता है ! लगातार बारिश के कारण से यहां खेती करने की संभावना नहीं होती. इसीलिए यहां सब सामान दूसरे गांव और शहरों से आता है ! सामानों को प्लास्टिक में लपेटकर ड्रायर से सुखाकर बेचा जाता है !