2020 -2021 का वह समय जब “कोरोना” नाम का वायरस स्पेनिश फ्लू के बाद इस सदी के लिए अद्रश्य आतंक के रूप में महामारी बन अंतराष्ट्रीय स्तर पर फैला ही नहीं बल्कि हर तरफ त्राहि मचा आर्थिक व्यवस्था चरमरा दी! परिवार के परिवार और कितने अपने चले गए शायद इसकी सही गिनती संभव नहीं ! सभी सरकारों ने और विश्व स्तर के वैज्ञानिकों ने इस चुनौती का सामना किया और जिंदगी की जीवन शैली बदल दी ! अब हम एक नए दौर में हैं !
महामारी और लॉक डाउन में हम सब अपने घरों में कैद रहे ! मैंने अपने सामान्य काम के चलते सदी के इस “खलनायक” को “नायक”(Protagonist) बना एक हास्य व्यंग के रूप में यह;किताब कोरोना भैया मेरे सपने में; लिखने का प्रयास किया है ! पुस्तक राजमंगल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है और जल्दी ही इसकी प्रति Book-Shelf पर और Online माध्यम से उपलब्ध हो रही है! व्यंग्य में यह मेरा पहला प्रयास है आशा है आपका उत्साह वर्धन प्राप्त होगा !
एक लघु साक्षात्कार नमिता पाठक के साथ