मैं देख रहा पिछले दो हफ्ते से कोरोना भैया घुस तो हर जगह रहे हैं लेकिन मुझसे बातचीत में उनकी Body Language बदली- बदली सी है और झुंझुलाहट भी बढ़ी हुई है ! पिछली बार कोरोना भैया आये तो 46 डिग्री तापमान में गर्मी से बेहाल पेट ढीला करके आये थे और आते ही आम का पना माँगा था और AC चलवाया था!
चूँकि मुलाक़ात तो होनी ही होती है , इंतज़ार होता है कि देखते हैं , इस बार क्या संवाद होगा !
थोड़ी देर में आ गए और आज दूसरी समस्या के साथ आये और बोले “तुम्हारे यहां यह मौसम का क्या लफड़ा रहता है ! पिछली बार हम लू खा गए थे इस बार “ठंडी हवा” चल रही है ! सुरसुरा गए हैं , हम ठहरे नंग- धड़ंग , कच्छा तक तो पहनते नहीं ! आज ठंडा गए हैं ! बोले जरा अपनी लुंगी दो ! मैंने कहा लुंगी तो मैं पहनता नहीं “मित्रों” वाला हमारा गमछा ही लपेट लो !
भाई का आज शायद मूड कुछ और ही था ! कुर्सी पर टाँगे फैला कर आराम से बैठ कर बोले – क्या “मालबेरो सिगरेट” है तो पिलाओ ! मैंने कहा कहिये तो “जाम” भी भर दें! बोले क्या बात है -चलो आज एक–एक पैग भी हो जाये ! मुस्करा कर बोले तुम हमारे शौक के बारे में सोच रहे होंगे ! अरे भई हम इंटरनैशनल हैं ! यूरोप (इटली, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस) से घुसने का जो लग्गा लगाया, यह शौक वहीं से पाला है ! मैंने मन ही मन कहा हे भगवान किस मिट्टी के बने हैं !
भाई ने जब एक पैग बना लिया तो हमने जिज्ञासा वश पूछ ही लिया “ खुद भी पी रहे हो – आप बेवड़ों के अंदर जाओ तो भी आपको कुछ नहीं होता ! लेकिन आदमी के अल्कोहल वाले sanitizer से दूर क्यों भागते हो ! बोले अब अंदर– बाहर के राज़ अलग हैं !
एक लम्बे कश के साथ सिप लेते हुए बोले सुना है “ट्रम्पवा को बंकर” में ले गए थे !
यह भी खबर लग गयी आपको , मैंने पूछा !
बोले लो कर लो बात – हम तो वहां बैठे हुए थे ! “ हैं”- मैंने आँखे निकालते हुए पूछा – आप वहां थे – तब तो मौका अच्छा था – घुसने की तमन्ना भी पूरी कर लेते ! बोले अच्छा एक पैग और बनाओ
भैया बोले हमेशा घुसना जरूरी नहीं होता ! शिकार तुम कभी भी कर सकते हो , शिकार के सभी ठिकाने पता करना और समझना जरूरी है , यही वुहान की कूटनीति का हिस्सा है !
हमने कहा- तो देखा बंकर कैसा था – तो बोले – अरे हम पूरा बंकर घूमे !
बोले यह तो White House के तल्ले में है और यहां ट्रम्पवा का पूरा घर है ! नौकर -चाकर के घर बने हैं और इनकी पूरी रसोई है ताकि लम्बे समय तक जरूरत पड़े “यह यहां परिवार के साथ रह सकत हैं “!
मैंने पूछा अकेले थे या परिवार भी ! बोले “मेलनिआ भाउजी और बिटवा बैरोन भैया भी रहत “! काले लोग बाहर उपद्रव मचाये हुए थे , यह डर के मारे रात भर वहीँ छुप्पे रहे ! हम तो तमाशा देखत रहिन कि कैसे यह “मुंह सिक्कडु” (ट्रम्पवा) डरने पर कैसा लगता है ! मुझे उनके “मुंह सिक्कडु” बोलने पर हंसी आ गयी !
भैया बोले तुम्हें मालूम है 9 /11 के बाद यह पहली बार बंकर खोला गया था ! “बराक चाचा” ने इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया ! बोले अगर बराक होते तो थोड़े ही यह काले-सफ़ेद का झगड़ा होता ! असल में ट्रम्पवा की ये बौराहट हमारी ही वजह से तो है ! पहले राउंड में हाहातूत करके हमने लाख खाँड़ निपटा दिए और यह कह रहे हैं हमारा काम हो गया ! अरे अभी राउंड –2 भी तो शुरू होना है !
भैया बोले अब तुम अपने यहां ही देख लो ! LOCKDOWN को हल्का क्या किया सब पिल पड़े हैं – “तुम लोगन को तो घुमन की आदत बा – ऐसा लग रहा है दरबे में बंद पड़े थे” ! न ठीक से मास्क लगा रहे हो – दो गज की दूरी तो बहुत दूर की बात है !
तुम लोग मित्रों की बात ही नहीं सुनते ! सब बाहर निकल पड़े हैं इसीलिए हम भी घुसे जा रहे हैं और हर दिन 10000 के आस पास समेटना शुरू कर दिया है, अभी बढ़ाएंगे! कोई बात नहीं – हो भी तो 130 करोड़ के ऊपर ! देखो हम मित्रोँ का काम न बिगड़े इस लिए मार नहीं रहे हैं ! यह अलग बात है तुम्हरा पप्पू चिल्ला- पिल्ली बहुत कर रहा है , मित्रों का कुछ कर न पायेगा !
भैया ने बातों-बातों में दो पेग अंदर कर किये थे और सिगरेट का आधा पैकेट धुआं कर दिया था !
बोले अब थोड़ा अंदर गयी है तो गर्मी आ गई !
चलें, मेल चेक करना है और फेसबुक पर देखना है – देंखे साथियों के घुसने का परफॉरमेंस चार्ट क्या कह रहा है! चीन-पिन के मेल भी आते हैं भाई ! हमारी मुसीबतें कम थोड़े है ! वुहान में पूरी IT Cell काम करती है ! तुम लोग ही थोड़े आंकड़े इक्कठे कर रहे हो ! हमारे यहां भी डाटा विश्लेषण का पूरा काम होता है और सभी को उसी हिसाब से आदेश दिए जाते हैं ! हम अकेले थोड़े ही हैं – पूरा दल है
बोले जरा अपना Laptop खोलो ! हमने कहा लैपटॉप हमारा हमेशा खुला रहता है ! बोले अच्छा-अच्छा तुम सब तो Work From Home कर रहे हो ! कैसा चल रहा तुम्हरा WFH ! मैंने कहा जले पर नमक मत छेड़ो !
“कचुमढ़ निकल गया है ! तोंद बाहर है , घर में पागलोँ की तरह हाल हो गया है ! कपडे फाड़ने रह गए हैं ! दो रोटी से खाना एक रोटी पर आ गया है ! भूख नहीं लगती” !
भैया बोले अरे अब इतना भी न बौराओ , यह WFH तो अभी चलेगा –2020 की तैयारी यही रखो !
पिछली बार भैया यह कह कर गए थे कि “फ़ोन पर वह आयी थीं” और जब मैंने जानना चाहा था तो बोले अगली बार बताएँगे सो जिज्ञासा बनी हुई थी ! मैंने कहा भैया वह “महिला वाली बात” तो बताई ही नहीं ! कुटिल मुस्कराहट के साथ बोले बचुआ भूले नाहीं तुम !
बोले दरअसल यह हमारी चमगादड़ महिला “शी झेंगली” है ! इनको BAT WOMAN बोलते हैं ! यह वुहान के वायरस लैब की Director हैं और चमगादड़ों की गुफाओं में घूम- घूम कर चमगादड़ पकड़ती हैं ! खून -टट्टी के नमूने निकाल कर वायरस पर अनुसंधान करती हैं ! इनकी वैज्ञानिक सोच के रूप में ही हम सब पैदा किये गए हैं ! असल में वर्षों से गुफाओं में रहकर इन्होने यह तय किया कि हमारी सरंचना कैसी हो ! इन्होने देखा था की जानवरों से यह तुम आदमियों तक कैसे पहुँचाया जा सकता है !
खुद यह यह लापता हो गयीं थी ! दरअसल हुईं नहीं थी ! चीन-पिन ने करा दिया था ! खुराफ़ाती हैं थोड़ा रहस्मयी हैं ! हमसे मुलाक़ात भी बुर्क़ा पहनकर करती हैं ताकि हम देख न पाए !
उधर भाई अक्सर पूछते रहते हैं कि मुझसे (मतलब कोरोना) से बचने के लिए तुम लोग किस तरह की सावधनियां बरत रहे हो ! हमने सोचा आज बताये देते हैं ! भाई बोले I -Pad पर नोट कर लूँ ! मैंने कहा नहीं , बस सुन लो ! हमने कहा तुम्हारा क्या भरोसा चमगादड़ महिला को बता दो और वह फिर कुछ खुराफात कर लें ! बोले ठीक है दोस्त हो मान लेते हैं !
हमने कहा तुम सब समझ भी न पाओगे ! चकरा मत न जाना – अब सुनो ध्यान से !
हमने कहा नीचे लिखे काम कर रहे हैं
सुबह-शाम हचक के टहलना, हर समय गरम पानी, चार बार नीबू पानी ! दिन में दो बार काढ़ा ! भैया बोले काढ़ा का तो सुन चुके हैं ! अरे हमने कहा काढ़ा में क्या है यह भी तो सुनो !
“हल्दी ,च्यवनप्राश , कच्चा लहसुन अदरक पीस कर बादाम-काबुली, अंजीर-काबुली , काली मिर्च खुरमानी और – मुंह में लौंग तो हमेशा चबाती ही रहतें हैं ताकि चरपराहट बनी रहे !हमने देखा भैया बार- बार सर पकड़ने लगे थे ! हम समझ गए , इनको परेशानी हो रही है !
हमने कहा और सुनो ! बोले अभी कुछ बचा है क्या ??? मैंने कहा घबरा गए !!! अभी सुनो !
“तुलसी पत्ती , गिलोय बाटी नीम कौड़ी”- बीच बीच में चबाते रहते ही हैं !
इसके अलावा होम्योपैथिक की आर्सेनिक एल्ब की पांच बुँदे गुनगुने पानी में तीन बार लेते हैं ! कपूर तकिये के पास हमेशा रखते हैं ! Azithormycin 500 Tablet और Paracetamol डब्बे में अलग से रखी रहती है !
हमने देखा हम बोले जा रहे थे और कोरोना भैया ग़श खाकर चारो खाने चित्त पड़े हुए थे ! हम समझ गए , यह चकरा गए हैं ! पानी डाला तो होश में आये और सर पकड़ कर बोले अब आगे से हमको यह न बताना !
बोले टॉयलेट कहां है , जरा जाने से पहले निबट लें…