ना रुकी पानी की बर्बादी तो होंगे गंभीर नतीजे || Prof (Dr) Sanjay Mohan Johri आपको सुनने में ये अजीब लग सकता है. लेकिन क्या आपको पता है कि हम रोज करीब 48 अरब लीटर पानी बर्बाद करते हैं ?
जी हां. कभी ब्रश और दाढ़ी बनाते वक्त नल खुला छोड़कर, कभी नहाते वक्त, तो कभी पानी भरते वक्त. पानी की इतनी बर्बादी हो रही है कि रोज अरबों लीटर पानी यूं ही जाया हो रहा है.
एक आकलन के मुताबिक भारत में 33 फीसदी लोग केवल नहाने और ब्रश करने के दौरान पानी बर्बाद करते हैं. पानी के नल को बेवजह खुला छोड़ देने की लापरवाही हम सब की एक आदत बन गई है । भारत में हर तीसरा व्यक्ति लापरवाही में नल खुला छोड़ देता है. सिर्फ बर्तन धोने के दौरान भी 20 से 60 लीटर पानी बर्बाद होता है. इसके अलावा हम कारों की धुलाई के दौरान भी साफ पानी की खूब बर्बादी करते हैं … वर्त्तमान समय में जल संकट एक विकराल समस्या बन गया है। नदियों का जल स्तर गिर रहा है। कुएं, बावडी, तालाब जैसे प्राकृतिक स्त्रोत सूख रहे हैं। घटते वन्य क्षेत्र के कारण भी वर्षा की कमी के चलते जल संकट बढ़ रहा है। वहीं उद्योगों के दूषित पानी की वजह से नदियों का पानी प्रदूषित होता चला गया लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।