पारा 50 डिग्री के पार

क्या गर्मियों के दौरान विशेष रूप से उत्तरी भारत के वह इलाके जहां भीषण गर्मी से कोई राहत नहीं दिखाई पड़ रही कहीं ऐसा तो नहीं हर वर्ष पारा 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास छूना एक सामान्य परिदृश्य बन जाये ! मौजूदा गर्मी की स्थिति के साथ और मौसम विशेषज्ञों को आश्चर्य हो रहा है कि क्या होगा यदि 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास एक नियमित तापमान बन जाता है और क्या मानव शरीर इसका सामना करने में सक्षम होगा ।

जहाँ वैज्ञानिक बढ़ते तापमान का कारण वैश्विक कार्बन उत्सर्जन को मानते हैं एक अध्ययन के अनुसार, अगर ग्लोबल वार्मिंग का मौजूदा स्तर जारी रहता है, तो वर्ष 2100 तक दुनिया भर में 1.2 बिलियन लोग गर्मी के तनाव की स्थिति का सामना कर सकते हैं। बढ़ा हुआ तापमान लोगों के आसपास के परिदृश्य को बदल देगा, अनिश्चित गर्मी के कारण वनस्पति और फसलों को नुकसान होगा। वायु प्रदूषण में वृद्धि के कारण जंगल की आग आम हो जाएगी। किसी भी व्यक्ति की बॉडी का नार्मल temperature 98 . 6 F होता है जो बाहर के तापमान के 37 डिग्री के बराबर होता है और हमारी बॉडी 42 -43 डिग्री सेल्सियस तापमान में आसानी से रह सकती है ऐसे में इंसान के लिए 50 डिग्री का तापमान red signal है ! ऐसे में वह समय दूर नहीं जब भीषण गरमी की परिश्थिति में देश के प्रभावित इलाकों में Health Emergency घोषित करनी पड़े ! फिलहाल के लिए खूब पानी पिएं और कैफीन और अल्कोहल से दूर रहे, इनसे बॉडी के डिहाइड्रेट होने का खतरा बढ़ सकता है. सीधी धूप से बचकर रहें. जितना संभव हो अच्छी हवादार जगह पर रहें.

हल्के, ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनें. फिलहाल के लिए फिजिकल एक्टिविटी उतनी ही करें जितनी आवश्यक हो

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