फिया चक्रबोर्ती और नेशन वांट्स टू नो

इस बार सपने में विडियो काल के जरिये स्क्रीन पर आते ही मैंने देखा काफी “बुझे और फुंके” हुये लग रहे थे !

“भई बड़ा बुरा हाल बा’ कॉल कनैक्ट होते ही बोले ! “क्यों क्या हुआ” , मैंने पूछा !

बोले अरे एक तरफ तो यह ‘चेन’ फोन कर–कर के हमार दिमाग खराब कर दी ! “हमको मिलने का है, आ जाओ हम तुम्हारी याद में तड़प रहे हैं और दूसरी तरफ हम इंडिया में यह तुम्हारे ‘चैनल’ पर सिवाय “फिया–चक्रबोर्ती”के कुछ देख ही नहीं रहे थे ! हम एक तरह से ‘बौरा’ गए ! और एक यह ‘चिन-पिन’  फोन करके आफत मचा दिन कि हमको इंडिया कि रिपोर्ट दो –बाकी सबकी आ गयी है ! “बस हम बौरा गए – हमरा ब्लड प्रैशर बढ़ गया और मीठा तो तुम्हारे यहाँ जबर्दस्त मिलता है ! सुबह जलेबी और रात में इमरती दबाई थी रोज !

जैसे ही ‘पेंचिग’ हवाई अड्डे पर उतरे तो और तो कोई नहीं – सामने ‘चेन’खड़ी थी और उधर चिन–पिन की सेक्युर्टी हमको उठा लाई ! आते ही जांच हुई मालूम पड़ा “हाइपरटेंशन जबर्दस्त है और शुगर” बढ़ी हुई निकली ! जांच हो ही रही थी कि फिर ‘चेन’ आकर खड़ी हो गयी ! हमको मानसिक दौरा सा पड़ गया क्योंकि हमको चेन कि जगह ‘फ़िया’ दिखाई पड़ने लगी और जैसे लगा बस घेर कर मार देगी ! हम बड़बड़ाने लगे , आँय बाँय बकने लगे ! चिन पिन ने कहा पहले इसका ‘बौरायापन” ठीक करो और अस्पताल में जमा करा दिया ! दवा चल रही है ! क्या करें उम्र तो हो ही रही है ! साले पागल समझ बैठे हैं दवा भी नींद कि दी है ! अरे पागल तो ‘चेन’ है , उसको सुला दो !

हमको चुप देख भैया बोले क्या बात है “कुछ बोल बच्चन नहीं कर रहे है आज”??

हमने कहा ऐसा है बस दोस्ती निभा रहे हैं , वैसे तुमसे बात तो क्या केवल कूटने का मन ही करता है ! तुमको खिलाया पिलाया, दारू पिलाई , तुम्हारी भाभी के हाथ का बना मुर्गा खिलाया और पूरा लखनऊ घुमाया ! तुम दोस्ती का क्या फर्ज़ निभा रहे हो ! ‘हाहाकार’ मचा के रखा है ! इंडिया से चले क्यो नहीं जाते ! दरअसल अब हमें तुम्हारा सपने में आना बोझ सा लगता है ! घुसने में कमी नहीं और इधर-उधर कि बेकार बातें ! हमें क्या करना तुम्हारी ‘चेन–पेन’ से ?

हम खुद ही कोशिश कर रहे हैं तुमको आदतों में लाने की ! सारी दिक्कत है एक बार तुम घुसे , हम गए 14 दिन के लिए आइसोलेशन में क्योंकि तुम्हारे  घुसने पर पता नहीं तुम कितने टाइम शांत रहकर भाग लोगे या फिर कब खलबली मचा कर हमको भर्ती करा दो ! अरे आए हो तो थोड़ी तमीज बरतो और जल्दी ही ‘फ्लू’ जैसे हो जाओ ! तुम भी रहो- हम भी रहें ! लेकिन तुम्हारी ‘बदतमीजी’ खत्म ही नहीं हो रही ! अब छोड़ो तुम , हम ज्यादा भड़क गए तो ऐसी की तैसी कर देंगे ! मित्तरों को तुम जानते ही हो कब ‘सर्जिकल स्ट्राइक’कर दें ??

ठीक है भाई हम न तुमको गुस्सा होने से रोक सकते हैं न चिन-पिन के आदेशों का उल्लंघन ! हाँ बहस होती रहना चाहिए ! अब इतना भी न ‘रूठो’ ! आखिर तुम्हारे माध्यम से हम ‘मीडिया में छप तो रहे हैं’! चिन-पिन ने इंडिया और अमेरिका की निगरानी हम पर छोड़ी है तो जब तक दम में दम है , काम तो करना ही है ! तुम्हारी तरह हमारी भी रोजी रोटी का सवाल है !

अपनी बात जारी रखते हुए भैया बोले हमको तो लग रहा है हमारी हालत “पुतान्त” जैसी हो रही है ! और तुम्हारे यहाँ जहां देखो चैनल पर “फ़िया -पुतान्त” कि ख़बरे तो ऐसी पिली पड़ी हैं कि लग रहा है सारा हिसाब किताब मीडिया वाले कर डालेंगे ! ससुरा लग रहा जबाबी कीर्तन चल रहा है ! अब हमारे 75000 के ऊपर घुसने की खबर “तल्ली” में चली गयी है और सबसे पहले फ़िया-सुतान्त चल रहे हैं ! “प्रणब कोस्वामी” तो हर समय एक ही बात बोलत है – नेशन वांट्स टू नो “खुदही पुलिस हो गवा है – पिला पड़ा है !चिल्लावत बहुते ही है “! कुछ भी कह लो इस “पुब्लिक टीवी” को मित्तरों का सपोर्ट है नहीं तो अब तक नाप दिया गया होता ! इनकी देखा देखी “कानदीप” पहुँच गए फ़िया का इंटरव्यू करने मुंबई और फ़िया ने बहुत आँसू भी बहाये ! यह भी राजनीति का हिस्सा है! कानदीप को लगा हम भी बहती गंगा में हाथ धो लें ! मुंबई बुलाये गए होंगे चार्टर प्लेन से !

कोई और चैनल बदलो तो हर जगह  सिवाय फ़िया के और कोई खबरन नाही ! हमार सिर पिरा गया और बस सामने हमरी चेन दिखाई पड़े ! हमने चेन से कह दिया भई तुम कुछ समय के लिए हमसे दूर चली जाओ ! हमें नहीं करना रोमैन्स ! जाओ तुम किसी और को पकड़ो ! उसकी शिकायत भी हमने चिन-पिन से कर दी कि इनकी पोस्टिंग कहीं दूर कर दो!

भैया चालू रहे और बोले लेकिन एक बात बताओ तुम्हारे इंडिया में यह क्या रोग है ! लाखों बच्चा चिल्लावत है इंजीन्यरिंग और मेडिकल की परीक्षा को लेकर , कोई सुनने वाला नहीं ! मित्तरों को तुम जानते ही हो ! भाई मान गए “हाजमा हो तो मित्तरों जैसा” ! बिलकुल चुप्पा है ! हमारे डर से अंगोछा क्या बांधा , उतारे ही नहीं रहा ! उधर हालत देखिये दिल्ली पुलिस की रुमाल- अंगोछा बांधने पर चालान कर 12 करोड़ कि रकम कमा चुकी है !

बाढ़ , गरीबी बेरोजगारी और अव्यवस्था – क्या नहीं है तुम्हारे यहाँ ?

एक वह “पप्पू” और उसकी “अम्मा” हैं ! ज़िंदगी भर यह न जाने वाले ! बगैर काम की कमाई और काम करने वालों की चलने नहीं देना, हर छ्ह महीने में तमाशा ! ‘मित्तरों’ को तो खूब मजा आ रहा ! पार्टी अपने आप डूब रही है !

हमको गुस्सा ये आ रहा हम इतना फैल रहे हैं , कोई असर नहीं ! “अजिताभ -अजिषेक या ऐश भौजी” में या “मोटा भाई” में घुसेंगे तभी हम खबर  में आएंगे ! निपटा तो हम बड़े–बड़े को रहे हैं , वह भी खबर में नीचे चले गए !

उधर “मुंहसिक्कडु टृंपवा” को देखो ! एक तरफ ‘मित्तरों’ का विडियो चला रहा दूसरी तरफ अपनी “पुजरात की यात्रा” दिखा रहा तुम लोगों के वोट बटोरने के लिए ! हम बता रहे हैं इतनी ‘चालू चीज़’ है यह ‘साइडेन और कमला पसंद’ को गिरा देगा और फिर देखना इसकी 76 इंच की छाती को !

चिन पिन अंदर से परेशान है और “पुत्ति चाचा” से बराबर संपर्क में है ! अब पुत्ति ही कुछ हवा भरे तभी काम बने ! अगले महीने से देखना कितनी गंदगी फैलेगी !

हमने तो कहा ही था राजनीति कुत्ती चीज़ है जो न कराये कम है !

भाई तुम नाराज़ मत होना , अगले हफ्ते मिलेंगे ! दवा का टाइम हो रहा  है ,खाते ही नींद आने लगती है ! हमने कहा जाओ भाड़ में ……..

Sanjay Mohan Johri

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *