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कोरोना भैया होम क्वारंटाइन किये गए !!!
इस बार सपने में इंतज़ार लम्बा हो गया ! एक बार तो लगा कोरोना भैया कहीं नाराज़ तो नहीं हो गए ? अचानक मोबाइल पर नज़र पड़ी तो देखा एक अनजाने नंबर से मैसेज पड़ा था! समझ गया यह वहीँ हैं “और का हाल बा ! हम बाहर हैं , जरा वीडियो कॉल पर आ जाओ “!
वीडियो कॉल कनेक्ट होते ही हमने पूछा भैया कहां से बोल रहे हो ! बोले “आपात कालीन” बैठक के लिए हम सभी “कोरोना सीनियर्स” हेडक्वार्टर्स बुलाये गए हैं ! मन ही मन मैंने कहा ‘आपातकालीन बैठक’ और ‘सीनियर्स’ कुछ हजम नहीं हो रहा !
हमने पूछा यह ‘सीनियर’ कब से हो गए !
बोले हमारी उपलब्धता की छमाही समीक्षा की गयी थी और हम वह सब जो सबसे पहले कई देशो में चिन -पुन के मिशन पर जाकर घमासान मचा के आये , इस ख़ुशी में शाबाशी दी गई ! बड़ी पार्टी हुई ! जमके रात भर नाचे और हचक के गाला तर किया!
‘आपातकालीन’ इसलिए कि चिन -पुन बहुत ‘तनाव’ में हैं ! अब दबाब तो हर तरफ से है ही लेकिन “तुम लोगन ने कुछ ज्यादा ही चरस कर दिया है ! बोले ज्यादा हम नहीं जानते लेकिन चिन -पुन कह रहा था कि हमारे 56 एप्प बंद कर दिए ! प्रोजेक्ट रद्द कर दिये और व्यापार के नए नियम इतने सख्त कर दिए हैं कि नुक्सान बहुत होगा ! बैठक में बहुत तनाव में था !
मैंने कहा कब लौट रहे हो ! बोले हम ‘सीनियर’ हो गए मतलब , समस्या बढ़ गयी ! ‘क्या मतलब’, मैंने चौंक कर पूछा? बोले यह समझ लो छह महीने हमने काम तो धुआंधार किया लेकिन चिन -पुन कह रहा हमारी ‘सर्विसिंग’ होना जरूरी है ! सर्विसिंग , आप क्या कोई कार या दो-पहिया हो !
बोले इस तानाशाह की मानसिकता को कोई समझ ही नहीं सकता , खुराफाती दिमाग है !
मुझ जैसे हजारों कोरोना भैया को समझ लो एक ‘गुफा’ में डाल हम-सब “होम- क्वारंटाइन” किये गए है! मोबाइल और I-Pad हमारे पास है ताकि कम से कम अम्मा-बाबूजी और दोस्तों से बात कर मन लगा रहे और दीन -दुनिया की खबर मिलती रहे ! व्यवस्था चकाचक है बस समस्या यह है की सारी देखभाल का जिम्मा ‘चमगादड़ मैडम’ का है ! हमें कुछ ज्यादा अच्छी नहीं लगती क्योंकि जासूस ज्यादा है – वैज्ञानिक कम !
तो आप सबका कर क्या रहे हैं ! बोले बताया तो “सर्विसिंग” !
सबसे पहले हम सब को ‘लैब’ में डाल दिया ! बस सिरिंज से दिन भर खोंचते रहे ! सारा माल-मसाला निकाल कर टेस्ट करते रहे ! अगले दिन हम सबको ‘इंडोर वार्ड’ में भर्ती कर दिया गया ! जैसे तुम्हारे यहां मिलिट्री वालों की ट्रेनिंग होती है बस समझ लो वैसा ही है ! सुबह चार बजे से जो ‘वर्जिश’ शुरू होती है वो रात तक ही ख़तम होती है ! सभी प्रकार के ‘जंगली जानवरों’ का ‘जूस’ पिलाते हैं, ताकि ताकत आये !
हमने कहा क्या कहीं से आप लोग ‘कमजोरी’ महसूस कर रहे हो ! हमारे यहां तो 22,000 प्रतिदिन घुस रहे हो और बाकी देशों में भी कसर नहीं छोड़ रहे हो !! कमज़ोर कहां से हो !
भैया बोले यह टेस्टिंग हैं कि हमारे अंदर कितना दम है !
एक हफ्ते बाद घोषणा होगी कितने अभी भी दमदार है और कितनो का दम निकल गया ! ऐसे लोग देखो शायद रिटायर करें जाय ! बोले हम तो मना रहे हैं ‘रिटायरमेंट’ लेकर अम्मा-बाबूजी के पास हवेली चले जायें ! दरअसल दौरा करते करते -करते थक गए हैं ! कुछ न हो तो ‘ऑफिस-ड्यूटी’ ही दे दें ! हमने कहा ऑफिस में बैठकर क्या करोगे बोले वही “कण्ट्रोल रूम मॉनिटरिंग”! दरअसल कूल जॉब है 10 से 5 वाला !
कोरोना भैया आज की बात चीत में ‘सांसारिक’ ज्यादा थे ! ऐसा लगा कुटाई और दौड़ भाग के बाद काफी थक गए हैं ! अपने काम के प्रति रूचि भी कम हो रही है ! जब मैंने इस बारे में पूछा तो बोले देखो चिन -पिन और तुम्हारे ‘मित्रों’ के बीच में तना तानी काफी चल रही है ! ‘गलवान घाटी’ के बाद से हमारी स्थिति थोड़ी कमज़ोर पड़ गयी है ! तुम्हारे 20 जवान मरे तो हमारे 50 , चिन -पिन न माने तो इससे क्या होता है- “झूठा और मक्कार” !
तुम्हारे ‘मित्रों’ कल लेह-लद्दाख गए तो थे ! सैनिकों के बीच में खूब ‘हुंकार’ भरे हैं और बातों ही बातों में चिन – पुन को ‘ठोंके’ भी बहुत हैं ! दरअसल इन ‘चिन – पुन’ और ‘मित्रों’ का कोई भरोसा नहीं हैं ! “यह वह आदमिन हैं जो कहत कुछ और करत कुछ ! दरअसल दोनों पलटी मार हैं”!
कहने लगे वैसे तो सभी देश हमारा ‘ख़ात्मा’ करने में लगे हैं और सुना है तुम्हारे यहां कोई “वैक्सीन” भी तैयार होकर जल्दी ही इस्तेमाल की जाएगी ! अब दवा और वैक्सीन दोनों साथ-साथ दोगे तो असर तो होगा ही ! शरीर का कोई हिस्सा जा सकता है , लंगड़े- लूले होने से तो अच्छा है पहले ही रिटायर होकर चैन की जिंदगी जी लें !
हमने पूछ ही लिया “आपके परिवार में तो कई शुभ कार्य होने हैं तो क्या आप हवेली नहीं जाओगे ! आपने बताया था – तीन महीने बाद सार्स भैया की मंगनी है और आपकी Measles बहना के होने वाले है और आप मामा भी बनने वाले हैं !
बोले हमारे यहां परम्परा है वायरस रूपी बच्चे का नामकरण पहले कर दिया जाता है और नामकरण हो गया है ! मैंने कहा मतलब ! कुटिल मुस्कराहट के साथ बोले “G-4” ! मैंने कहा यह कोई नाम है , यह तो ‘कोड’ लगता है ! भाई बोले हम भी तो Covid -19 हैं ! हमने पुछा यह G-4 क्या है ! बोले ‘चमगादड़-महिला’ ने इसको ‘सुअर’ से खींचा है ! अब बस फिट-फाट करने में लगी है ! संतुष्ट होते ही Measles बहना में डाल कर जन्म कर देगी ! इसी प्रयोग के बारे में तो बताया था पिछले हफ्ते !
मैंने कहा मतलब Covid-19 के बाद G-4 ??
बोले अब जब लगभग साबित हो ही गया है की हमारे चिन-पुन वुहान में “जैविक हथियार” बना रहे हैं तो यह तो अब बड़े लोगों के बीच की बात है ! हमने कहा था कि हम वायरस तो बस कटपुतली हैं ! फिर कोई पैदा होगा और यहां से वहां नचाया जायेगा !
इससे पहले की बातें और बढ़ती भाई बोले अब थोड़े देर सो लेने दो !
सुबह होते ही कम्बख्तों की ठक -ठक शुरू हो जाती है !
सबसे पहले दौड़ाते हैं – देखते हैं दूसरों की सांस फुलाने वालों के फ़ेफ़डे खुद कितने मजबूत हैं !!