कल नींद नहीं आ रही थी, बस करवटें ही बदल रहे थे लेकिन फिर झपकी लग गयी! थोड़ी देर ही सोए होंगे, अचानक तेज-तेज आवाजें आने लगी “जैसा कहा वैसा किया” और फिर यही...
बस अभी-अभी नींद लगी ही थी, ज़ोर से आवाज़ आई अरे भाई कहाँ रहे तुम“ कई दिनो से मिलबे न करी, हम तो तुम्हार खोपरिया पर घन्नाते रहे लेकिन तुम सपने में घुसने ही...