Investigative Journalism | खोजी पत्रकारिता 

बात शायद 1983 की है ! मैं PTI में Trainee Journalist था और मुझे दिल्ली Headquarters से देहरादून के Forest Research Institute में तीन दिवसीय Conference को कवर करने के लिए देहरादून जाने का आदेश मिला ! पहले आज की तरह की हवाई जहाज , ट्रेन या टैक्सी की सुविधाएँ नहीं थी केवल एक Train देहरादून एक्सप्रेस जाती थी और वह निकल चुकी थी ! बैठ गए बस में और सुबह तक FRI पहुंचे !

पत्रकारिता और वह भी PTI जैसी न्यूज़ एजेंसी में जहाँ आपको अपने एडिटर को पग-पग पर टेलीप्रिंटर पर भेजी खबर से अपडेट करना पड़ता था, हमेशा एक डर और चुनौती-पूर्ण कि कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाये…..

Sanjay Mohan Johri

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